About sidh kunjika



देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ १० ॥

इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।

सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये website पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।

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